Search This Blog

Sunday, August 1, 2010

नेता

जिसकी बगल में है छुरी
और मुँह में है राम
जो न समझे जनता के दर्द को
नेता है उसका नाम
जिसका है सिर्फ लेने का काम
नहीं किया जिसने कभी
किसी के लिए कोई बलिदान
नेता है उसका नाम

चाहे हो लोक-सभा या हो विधान-सभा
कुर्सी के पीछे है इनकी हर सभा
हमेशा विकास को मुद्दा बनाते हैं
और पांच साल बाद इसी
मुद्दे को पुनर्जीवित कर लाते हैं

पिछडों को आगे लाने की बात करते हैं
और आरक्षण के नाम पर वोटों का दम भरते हैं
आधुनिक युग के हैं ये रावण व् दुशासन
फिर भी निरीह जनता पर करते हैं शासन

हर रोज आते हैं सामने
बोफोर्स व् चारा घोटाला
फिर भी अखबार के
हर पन्ने पर है इनका बोलबाला
भाई-भतीजावाद को
बढ़ावा देते हैं
और नौकरी दिलाने के नाम पर
  रिश्वत लेते हैं

जब भी होता है किसी
सेक्स रैकेट का पर्दाफाश
किसी न किसी नेता
के चेहरे पर होता है प्रकाश

अब हमें ही उठना होगा
अपने हृदय में साहस का प्रकाश भरना होगा
तभी ये राक्षस दफनाए जायेंगे
अन्यथा कितने ही बेकसूर निरीह मारे जायेंगे


जितेन्द्र कुमार 'गगन'

No comments:

Post a Comment